मेरे मन की आकाशगंगा में
ऐसे हजारों तारें
टिमटिमाते है
जिनका पता किसी को नहीं
मैं पहचानती हूँ
एक एक तारें को
मुझे बस उन्ही का ज्ञान है
उन्ही की समझ है
बाकी बातों में मैं अज्ञानी हूँ
समझदारी की भी कमी है
पर परवाह नहीं
गूगल मुझे सब बता देता है
सब समझा देता है
उसकी सूचनाएं सटीक होती है
उसकी पहुँच दुनिया की
सूक्ष्म से सूक्ष्मतम तरंग तक है
सिवाय उन तारों के
जो मेरे मन की आकाशगंगा में है
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सादर
सुरक्षित रहें, स्वस्थ रहें