किसी भी जीवनी को पढ़ना एक अद्भुत अनुभव होता है। आप किसी एक व्यक्ति को एक खास व्यक्तित्व में ढलते देखते है उसके जीवन के आयामों से गुजरते हुए खुद को महसूस करते है । कही न कही किसी भी जीवनी को पढ़ते हुए एक क्षण या पन्ना, पैराग्राफ ऐसा आता है कि आप खुद को उस किताब में महसूस करने लगते है। वॉन गॉग को पढ़ना सच में अद्भुत है । अभी आधी ही पढ़ पायी हूँ क्योकि कितने ही पैराग्राफ को दो दो बार पढ़ती हूँ....जिसे पढ़ते हुए रोंगटे खड़े होते है या मन विभोर होता है या कुछ भीतर पिघलता सा लगता है ....उन पैरेग्राफ को नोट्स बनाकर उतार रही हूँ...क्योकि समय के साथ सब धुंधला हो जायेगा। इस किताब के कुछ शुरुआती प्रसंग है जिसमे पहली बार विंसेंट चित्र बनाते है और उन चित्रों को बनाने के बाद उनकी जो अनुभूति होती है वो अवर्णनीय है। भूख प्यास के मायने मिटा देते है जब वो रंगों में डूबते है। एक और प्रसंग जो भाव विभोर कर गया , वो है विंसेंट के छोटे भाई थियो का विंसेंट से मिलने आना । थियो, जो विंसेंट से छोटा है पर उसका विंसें...
अपने मन के उतार चढ़ाव का हर लेखा मैं यहां लिखती हूँ। जो अनुभव करती हूँ वो शब्दों में पिरो देती हूँ । किसी खास मकसद से नहीं लिखती ....जब भीतर कुछ झकझोरता है तो शब्द बाहर आते है....इसीलिए इसे मन का एक कोना कहती हूँ क्योकि ये महज शब्द नहीं खालिस भाव है