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लाल दाढ़ी वाला कलाकार

और किताब पढ़कर खत्म हुई.....एक महान और सच्चे कलाकार की दास्तां..... थियो जैसे भाई की अमिट छाप मुझ पर पड़ी है...अभिभूत हूँ ऐसे प्यार को महसूस करके 😍 इतने बेहतरीन अनुवाद के लिये अनेकानेक धन्यवाद अशोक पांडे सर का इसी किताब के गलियारों से गुजरते एक कविता ने जन्म लिया..... रंग उसका जीवन थे वो सदैव रंगों से सराबोर रहा  उसकी विशलिस्ट में पहले नम्बर से लेकर  सबसे आख़िर तक  सिर्फ़ और सिर्फ़ रंग थे उसके कैनवास  दुनिया की बेशकीमती पेंटिंगों में शुमार है, लेकिन, जब तक उसके हाथ उन्हें रंगते रहे,  तब तक उनकी कीमत किसी ने न पहचानी, सिवाय थियो के बाकी लोगो ने  उसे पागल कहा  सनकी कहा  क्योंकि रंगों से इतर उसने कुछ नहीं देखा मूलभूत ज़रूरतों तक को नज़रंदाज़ किया वो जरा से प्यार से खुश हो जाता था। वो हमेशा प्यार मांगता रहा वो दुख की नसों पर पकड़ रखता था, वो पीले रंग से बेइंतहा प्यार करता था वो हमेशा , जल्दबाज़ी करता था। तपती धूप में वो सोने सा दमकता था, उसकी लाल, छितरी दाढ़ी , निश्छल आँखे  और एक सह्रदय मन,  उसे सबसे अलग बनाता था वो आत्ममुग्धित होकर शीशे में झांकता था, और ख़ुद को कैनवास पर उंडेल दे

प्राथमिकता

ऑडीबल पर किताब सुन रही हूँ । who will cry when you die ? का हिंदी अनुवाद है यह ।        आज इसी का एक चैप्टर सुन रही थी, उसमे एक कमाल की बात आयी जो मैं आप लोगो के साथ शेयर करना चाहूंगी।        यह बात लाइट हाउस के बूढ़े कर्मचारी के बारे में है । उस वृद्ध व्यक्ति के पास अपनी मशाल को जलाये रखने के लिये कम तेल था। मशाल जलाये रखकर वह आने जाने वाले जहाजों को चट्टानी समुद्र तट से बचने के लिये आगाह करता रहता था। एक रात किसी व्यक्ति को अपने घर का दिया जलाने तेल की जरुरत पड़ी तो लाइट हाउस के कर्मचारी ने अपने तेल में से थोड़ा तेल उसे दे दिया । उसके कुछ समय बाद एक यात्री ने अपनी यात्रा जारी रखने के लिये कर्मचारी से तेल देने का अनुरोध किया। दयालू कर्मचारी ने उसकी भी प्रार्थना स्वीकार कर ली और थोड़ा तेल उसे दे दिया । अगली रात उसकी नींद एक माँ के दरवाज़ा खटखटाने से खुली, उसने थोड़े से तेल की प्रार्थना की ताकि घर जाकर अपने बच्चों के लिये खाना पका सके....कर्मचारी फिर से प्रार्थना को मान लिया और जल्दी ही सारा तेल समाप्त हो गया और उसकी मशाल बुझ गयी, कई जहाज डुब गये और बहुत सी जिंदगियां खत्म हो गयी.....क्योकि ला

रंग

जीवन में कुछ रंग  उधार रहते है लेकिन हम भागते रहते है उन्ही रंगों के पीछे लालायित रहते है उनमे खुद को रंग देने लेकिन सुनो जरुरी नहीं न  कि जो रंग न मिले  उसी से जीवन रंगीन हो देखो.....समझो तुम्हारा जीवन जैसा भी है  बहुत रंगीन है जो रंग तुमसे दूर है उनको स्थगित करो  जो नजदीक है उन रंगों से अपना जहां  खूबसूरत करो होली की हार्दिक शुभकामनाएं