समय बिताना समय जाया करना समय में शामिल करना तीनों अलग अलग बातें है अगर किसी के साथ ऊपरी तौर पर समय व्यतीत किया है तो वो शायद निरर्थक रहा लेकिन किसी को... किसी को भी अगर कुछ वक्त लिये भी आपने अपने समय में शामिल किया है तो वो समय जाया नहीं होता बल्कि कमाया होता है जो लौट लौट आता है लेकिन सिर्फ जेहन में, असल में नहीं वैसे जरुरी नहीं कि दोनो पक्ष ऐसा ही सोचे हो सकता है कि किसी एक ने कमाया हो किसी एक ने गंवाया हो किसी के लिये अफसोस होता है वो बीता वक्त तो किसी के जीवन का सत्व इसीलिए कहती हूँ समय को लेकर सचेत रहे बीता समय वापस लौटाया नहीं जा सकता ये वो इंवेस्टमेंट है जिसे आप अपनी मर्जी से खर्च करते है कब, कहाँ, किस पर सब आपकी इजाजत से होता है जिस पर समय के जाया करने का आरोप होता है हो सकता है किसी पल उसने आपको अपने समय में शामिल किया हो
अपने मन के उतार चढ़ाव का हर लेखा मैं यहां लिखती हूँ। जो अनुभव करती हूँ वो शब्दों में पिरो देती हूँ । किसी खास मकसद से नहीं लिखती ....जब भीतर कुछ झकझोरता है तो शब्द बाहर आते है....इसीलिए इसे मन का एक कोना कहती हूँ क्योकि ये महज शब्द नहीं खालिस भाव है