सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

फ़रवरी, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

आज का दिन

आज मन बड़ा खुश है....इतना खुश कि शब्दों से बयां ही नहीं कर सकती । रगों में जैसे भारतीयता दौड़ रही है। आँखों में एक गुरूर सा छाया है। चेहरे पर जैसे  एक ओज है । आज की तो जैसे हवा भी गुनग...

अध्यात्म

तुम देह को भोग कर आना अपना सारा इश्क़ करके आना जब बातों से जी भर जाये तब आना तुम तब आना जब सूरज अस्त होते होते थोड़ा सा बचा हो सिंदूरी आसमाँ रात की अगवाई में सजा हो पंछी अपने घरों...

कशमकश

न जाने क्यो आज रह रहकर मुझे याद आ रहा है कठुआ कांड, जिसमे एक मुस्लिम बच्ची आसिफा के साथ बलात्कार का मामला दर्ज हुआ था । मैंने भी बच्ची का स्कैच बनाकर अपना रोष जाहिर किया था।   ...

माँ बहन

पुलवामा अटैक को लेकर लोगो का रोष अपने चरम पर है। लोग भड़के हुए है और यह गुस्सा,यह विद्रोह जायज भी है । मैं खुद भी जैसे बदले की आग में झुलस रही हूँ । हमारे जवानों की मौत का बदला लेन...

वर्जिनिटी

देह के समीकरण से परे देखना कभी उसे समूचा ब्रह्मांड समेट के रखती  है खिलखिलाते लबों के पीछे मुस्कुराती सी जिंद़गानी सहेजे रखती है देखना कभी नजरे मिलाकर, न जाने कितने सैला...

सुकून की तलाश

पुलवामा अटैक से हम सब आहत है। पुरा देश सदमे में है ,एक क्रोध की लहर हर रग में है । क्रोध से कभी किसी का भला नहीं होता लेकिन इस बार ये क्रोध हम सब को भारतीयता की डोर में बाँध रहा है,...

आईना

जीवन की राह में चलते हुए अचानक दिख जाता है एक आईना एक वजूद के रुप में असमंजस होता है हुबहू कोई हम जैसा भी होता है अजनबी होता है,लेकिन दिल की गहराइयों में स्थापित हो जाता है अन...

सही गलत

कोई कह रहा युद्ध ही विकल्प तो कोई शांति अख्तियार करने बोल रहा कोई 370 की बात कर रहा तो कोई सियासी रोटी सेंक रहा न जाने क्यो भाव भी उठ रहे हवा देखकर ?? नहीं पता..क्या सही,क्या गलत लेक...

पुलवाना अटैक

वो बचपन से ही सेना में जाना चाहता था । 26 जनवरी की परेड देखते वक्त उसकी आँखे चमक उठती थी । जवानों के सधे कदमों के साथ वो भी टीवी स्क्रीन के सामने बैठकर अपने कदमों को उनके साथ मिलाया करता था ।      उसने सेना में भर्ती का फॉर्म भर दिया था और लिखित परीक्षा में पास भी हो गया । वो बहुत खुश था क्योकि उसका सपना सच होने जा रहा था । कुछ फिजिकल टेस्ट अभी बाकी थे लेकिन वो निश्चिंत था क्योकि पिछले तीन सालों से वो व्यायाम करके अपने आपको फिट रखता आ रहा था । सब अच्छे से हो गया , वो अप टू डेट था ......लेकिन एक टेस्ट वो पास नहीं कर सका। उसकी आँखों की रोशनी 6/6 नहीं थी । उसे रिजेक्ट कर दिया गया लेकिन वो टूटा नही । सेना में भर्ती उसका जुनून था और जुनून को छोड़ भटकता फिरे, ऐसा वो जवान नहीं था । हालांकि वो बहुत अमीर नहीं था फिर भी पापा ने बेटे की इच्छा को देखते हुए अपनी सेविंग का एक हिस्सा उसके ऑपरेशन पर खर्च किया । उसने अपनी आँखों का ऑपरेशन करवाया । सफलतापूर्वक ऑपरेशन से आँखे 6/6 हो गई ।    उसने फिर से आवेदन भरा....इस बार लिखित ही नहीं सारे टेस्ट भी पास किये। उसका सीना तय माप...