मेरे मन की रौनकें तुमसे है
पल में खिलती, पल में मूरझाती है
अडिग रखना विश्वास ईश्वर की तरह
न टूटना कभी न टूटने देना
ये आते जाते समय की मार है
जो निखारेगी तुम्हे, तपायेगी तुम्हे
इनसे पार जाना है...स्थिर रह डटे रहना
मेरी उर्जा से नहीं,
खूद की उर्जा से जीना तुम
महसूस करोगे तो सामीप्य पाओगे
तुम अकेले नहीं हो,हम साथ है हमेशा
मेरा हाथ तुम्हारे हाथ में नहीं है
इन सबके बीच तुम्हे थमना नहीं है
एक लंबी दूरी तुम्हे तय करनी है
जीवन संभावनाओं का नाम है, बच्चे
आस्थाओं और भावों के बहाव में
तुम शिखर पर रहना
संवेदनाओं को मुखर रखना
असंवेदनशीलता मृत्यु समान है
विकट समय इसका परीक्षा काल है
उर्तीण होना तुम और जीना
मुस्कुरा कर जीना
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