जीवन की राह में चलते हुए
अचानक दिख जाता है एक आईना
एक वजूद के रुप में
असमंजस होता है
हुबहू कोई हम जैसा भी होता है
अजनबी होता है,लेकिन
दिल की गहराइयों में
स्थापित हो जाता है अनायास ही
जूड़ जाता है एक ऐसा रिश्ता
जिसका कोई नाम नहीं
बेनाम सा ये रिश्ता
आत्मा को एक छोर से बाँध देता है
लेकिन फिर भी
छूट जाता है एक दिन वो वजूद
और , उस दिन से हम भूल जाते है
आईना देखना....बस,
ताउम्र उस छोर की गिरफ्त में
खूद को निहारते रहते है ।
ये एक बड़ा सा पौधा था जो Airbnb के हमारे घर के कई और पौधों में से एक था। हालांकि हमे इन पौधों की देखभाल के लिये कोई हिदायत नहीं दी गयी थी लेकिन हम सबको पता था कि उन्हे देखभाल की जरुरत है । इसी के चलते मैंने सभी पौधों में थोड़ा थोड़ा पानी डाला क्योकि इनडोर प्लांटस् को अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती और एक बार डाला पानी पंद्रह दिन तक चल जाता है। मैं पौधों को पानी देकर बेफिक्र हो गयी। दूसरी तरफ यही बात घर के अन्य दो सदस्यों ने भी सोची और देखभाल के चलते सभी पौधों में अलग अलग समय पर पानी दे दिया। इनडोर प्लांटस् को तीन बार पानी मिल गया जो उनकी जरुरत से कही अधिक था लेकिन यह बात हमे तुरंत पता न लगी, हम तीन लोग तो खुश थे पौधों को पानी देकर। दो तीन दिन बाद हमने नोटिस किया कि बड़े वाले पौधे के सभी पत्ते नीचे की ओर लटक गये, हम सभी उदास हो गये और तब पता लगा कि हम तीन लोगों ने बिना एक दूसरे को बताये पौधों में पानी दे दिया। हमे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे, बस सख्त हिदायत दी कि अब पानी बिल्कुल नहीं देना है। खिलखिलाते...
टिप्पणियाँ
और , उस दिन से हम भूल जाते है
आईना देखना....बस,
ताउम्र उस छोर की गिरफ्त में
खूद को निहारते रहते है ।
आत्म मुग्ध करती काव्य धारा।