जीवन की राह में चलते हुए
अचानक दिख जाता है एक आईना
एक वजूद के रुप में
असमंजस होता है
हुबहू कोई हम जैसा भी होता है
अजनबी होता है,लेकिन
दिल की गहराइयों में
स्थापित हो जाता है अनायास ही
जूड़ जाता है एक ऐसा रिश्ता
जिसका कोई नाम नहीं
बेनाम सा ये रिश्ता
आत्मा को एक छोर से बाँध देता है
लेकिन फिर भी
छूट जाता है एक दिन वो वजूद
और , उस दिन से हम भूल जाते है
आईना देखना....बस,
ताउम्र उस छोर की गिरफ्त में
खूद को निहारते रहते है ।
इन दिनों एक किताब पढ़ रही हूँ 'मृत्युंजय' । यह किताब मराठी साहित्य का एक नगीना है....वो भी बेहतरीन। इसका हिंदी अनुवाद मेरे हाथों में है। किताब कर्ण का जीवन दर्शन है ...उसके जीवन की यात्रा है। मैंने जब रश्मिरथी पढ़ी थी तो मुझे महाभारत के इस पात्र के साथ एक आत्मीयता महसूस हुई और हमेशा उनको और अधिक जानने की इच्छा हुई । ओम शिवराज जी को कोटिशः धन्यवाद ....जिनकी वजह से मैं इस किताब का हिंदी अनुवाद पढ़ पा रही हूँ और वो भी बेहतरीन अनुवाद। किताब के शुरुआत में इसकी पृष्ठभूमि है कि किस तरह से इसकी रुपरेखा अस्तित्व में आयी। मैं सहज सरल भाषाई सौंदर्य से विभोर थी और नहीं जानती कि आगे के पृष्ठ मुझे अभिभूत कर देंगे। ऐसा लगता है सभी सुंदर शब्दों का जमावड़ा इसी किताब में है। हर परिस्थिति का वर्णन इतने अनुठे तरीके से किया है कि आप जैसे उस युग में पहूंच जाते है। मैं पढ़ती हूँ, थोड़ा रुकती हूँ ....पुनः पुनः पढ़ती हूँ और मंत्रमुग्ध होती हूँ। धीरे पढ़ती हूँ इसलिये शुरु के सौ पृष्ठ भी नहीं पढ़ पायी हूँ लेकिन आज इस किताब को पढ़ते वक्त एक प्रसंग ऐसा आया कि उसे लिखे या कहे बिना मन रह नहीं प
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार जून 16, 2019 को साझा की गई है......... एक ही ब्लॉग से...मेरे मन का एक कोना आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंह्रदयतल से आभार
हटाएंछूट जाता है एक दिन वो वजूद
जवाब देंहटाएंऔर , उस दिन से हम भूल जाते है
आईना देखना....बस,
ताउम्र उस छोर की गिरफ्त में
खूद को निहारते रहते है ।
आत्म मुग्ध करती काव्य धारा।
आपका बेहद शुक्रिया यहाँ आकर मेरी लेखनी का मनोबल बढ़ाने के लिये
हटाएंसराहना के लिये आभारी हूँ
जवाब देंहटाएंजी आत्ममुग्धा जी -- यदि किसी को ये 'हुबहू ' कोई अपने जैसा मिल जये तो उससे खुशनसीब कौन ? बेनाम रिहते सचमुच आत्मा से बंध सारी उम्र साथ निभाने में सक्षम होते हैं | बहुत ही भावपूर्ण सृजन के लिए आपको हार्दिक शुभकामनाएं और आभार सखी |
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