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पुलवाना अटैक

वो बचपन से ही सेना में जाना चाहता था । 26 जनवरी की परेड देखते वक्त उसकी आँखे चमक उठती थी । जवानों के सधे कदमों के साथ वो भी टीवी स्क्रीन के सामने बैठकर अपने कदमों को उनके साथ मिलाया करता था ।
     उसने सेना में भर्ती का फॉर्म भर दिया था और लिखित परीक्षा में पास भी हो गया । वो बहुत खुश था क्योकि उसका सपना सच होने जा रहा था । कुछ फिजिकल टेस्ट अभी बाकी थे लेकिन वो निश्चिंत था क्योकि पिछले तीन सालों से वो व्यायाम करके अपने आपको फिट रखता आ रहा था । सब अच्छे से हो गया , वो अप टू डेट था ......लेकिन एक टेस्ट वो पास नहीं कर सका। उसकी आँखों की रोशनी 6/6 नहीं थी । उसे रिजेक्ट कर दिया गया लेकिन वो टूटा नही । सेना में भर्ती उसका जुनून था और जुनून को छोड़ भटकता फिरे, ऐसा वो जवान नहीं था । हालांकि वो बहुत अमीर नहीं था फिर भी पापा ने बेटे की इच्छा को देखते हुए अपनी सेविंग का एक हिस्सा उसके ऑपरेशन पर खर्च किया । उसने अपनी आँखों का ऑपरेशन करवाया । सफलतापूर्वक ऑपरेशन से आँखे 6/6 हो गई ।
   उसने फिर से आवेदन भरा....इस बार लिखित ही नहीं सारे टेस्ट भी पास किये। उसका सीना तय मापदंडो से दो इंच ज्यादा फूला । उसकी खुशी का पारावार न रहा। जॉईनिंग लैटर आ गया । उसे कश्मीर में नियुक्ति मिली। यह खुशी उसके लिये सोने पर सुहागा हुई.....कश्मीर उसका प्यार था जैसे । पापा के पाँव छू.....अपनी 6/6 की आँखों में खरे सोने की चमक ले वो निकल गया देश की हिफाजत करने ।
               ....... और आज तिरंगे में लिपटा उसका शरीर आया है.....पापा स्तब्ध है , उसकी एक आँख का कोई पता नहीं। #pulwama

संगीता जाँगिड़

टिप्पणियाँ

  1. भारत देश के वीर सैनिकों को शत शत नमन। उनकी शहादत का यह देश कर्जदार है। आज हम अपने घरों में निश्चिंत होकर सांस ले पा रहे हैं इनकी वजह से। देश का सिपाही होना गर्व की बात है...वीर शहीदों को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि,

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