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वो लड़की

वो फूल बिखेरती लड़की
बहारों के मौसम सी लड़की
अपनी उम्र से कही 
अधिक समझदार वो लड़की
अपने मन के बच्चे को
जीवंत रखती
चंचल सी वो लड़की
अपनी दोस्ती के रंगों से
दुनिया रंगीन बनाती वो लड़की
धूप हो छावं
जीवन की हर डगर
चहकती सी वो लड़की
नाम जिसका रेखा
पर रेखाओं में कहाँ
सिमटती वो लड़की
रेखाओं को पारकर
सोचने समझने वाली वो लड़की
जिंदगी के हर नुक्कड़ पर
यूँ ही मुस्कुराती रहे वो लड़की

टिप्पणियाँ

Rekha suthar ने कहा…
मेरा दिल भर आया यार... जो खुशी महसूस कर रही हूं सातवे आसमान पर पहुचने वाली.. वो तुम्हारे गले लग कर महसूस करना चाहती हूं...
मेरे लिए तो इतना ही काफी था कि तुम जैसी अंतरंगी लड़की मेरी दोस्त है.. लेकिन दोस्ती के साथ इतना कुछ मिलेगा कभी नही सोचा था..
बस जीवन के हर मोड़ पे ऐसे ही साथ बने रहना दोस्त.. हर मुश्किल सफर आसान लगेगा मुझे
Kamini Sinha ने कहा…
बहुत खूब... ,भावपूर्ण सृजन ,सादर नमन आपको
आत्ममुग्धा ने कहा…
गले लग जा ❤️

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उम्मीद

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सीख जीवन की

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पुस्तक समीक्षा

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