एक चंचल सी लड़की
जिसका सेंस ऑफ ह्यूमर गजब है
जिसकी स्याही से निकले शब्द
न जाने कितनों के आँसू है
जो मिट्टी की महक
अपनी कविताओं में भर देती है
जो छूट गयी बातों के बीज
सबके मनों में बो देती है
एक लड़की
जो सिर्फ लिखती नहीं है
एक जीवन सामने रख देती है
सरल सहज शब्दों में
कठिनता को परोस देती है
एक लड़की
जो अनुभव गहन रखती है
डिग्रियों से परे वो
खूद में एक महाविद्यालय रखती है
वो लड़की मेरी दोस्त है
वो मुझसे दुराव नहीं रखती
वो अपने आप को झरती है मेरे आगे
वो लड़की जो मुझसे छोटी है
मुझसे कहती है
जब माँ याद आये
मुझे माँ बुला लेना
वो लड़की मुझे मैसेज करती है
दो मिनिट बात करनी है
और बिना मेरे जवाब का इंतजार किये
फोन कर लेती है
अगर मैं व्यस्त हूँ
तो वाकई दो मिनिट का तीसरा नहीं होता
और जब वक्त हो तो
दो मिनिट कब साठ मिनिट हो गया
पता भी न चलता
वो लड़की
जो अधिकार देती है
अधिकार लेती है
रोज बात नहीं करती
पर अपने दिल के एक कोने में
मुझे बसा कर रखती है
जन्मदिन मुबारक यारा
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में मंगलवार 17 मार्च 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआपका आभार दी
हटाएंबहुत सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंजन्म दिन मुबारक।
शुक्रिया..... जन्मदिन जिनका है उन तक शुभकामनाएं पहूँचा दी गयी है
हटाएंआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (18-03-2020) को "ऐ कोरोना वाले वायरस" (चर्चा अंक 3644) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत आभार.....बुधवार के इस शीर्षक को पढ़कर एक सुझाव या दुस्साहस ....इसी रचना के पहले वाली रचना कोरोना पर ही लिखी गयी है....शायद वो रचना ज्यादा सूटेबल है इस शीर्षक को देखते हुए....बाकी आपका निर्णय सर्वोपरि
हटाएंसुंदर काव्य।
जवाब देंहटाएंनई रचना- सर्वोपरि?
शुक्रिया.... जल्दी ही आपके ब्लॉग पर मिलना होगा
हटाएंवाह!बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंशुक्रिया
हटाएंबहुत सुंदर सृजन ,सादर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
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