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इक्कीस दिन

मैं आभारी हूँ आपकी
आभारी हूँ आपके लिये निर्णयों की
आप पर विश्वास हमेशा से रहा है
अब ये अधिक सुदृढ़ हुआ है
असंभव सा जो दिखता था
आपने उसे संभव कर दिखाया
दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र
इतना बड़ा जन सैलाब
उसे थामना
उसे समेटना
कतई आसान न था
बल्कि सोचना भी मुश्किल था
आपने बड़ी सूझबूझ से 
इक्कीस दिनों का चैलेंज सामने रखा
न जाने ये 21 दिन 
कितने भारतीयों की आदत बदल देगा
कहते है ना कि
एक नयी आदत परिपक्व होने में
21 दिन लेती है 
तो आप लहर लाये है बदलाव की
देश को बचाने के ये इक्कीस दिन
वाकई इतिहास में लिखे जायेंगे 
आपके इस फैसले से
आपके व्यक्तित्व की दृढ़ता परिलक्षित होती है
नमन है, नतमस्तक है पूरा देश
आपके आगे
इस वैश्विक महामारी के संकटकाल में
आपका यूँ निर्णय लेना 
एक बहुत बड़ी बात है
पूरे  देश को लॉकडाउन करना
ऐतिहासिक है
सही वक्त पर सही निर्णय 
मैं दिल से आभारी हूँ
पुरा देश आभारी है 
आपकी जनता आपके साथ है
विकसीत देशों के पास 
बेहतरीन चिकित्सीय टीम और संसाधन है
लेकिन हमारे पास आप है 
शुक्रिया आपका 
आपके भाषण के बाद
मैंने अपने बेटे को यूएस में फोन लगाया
जहाँ उसने भी आपको लाईव देखा 
मैंने गर्व से कहा....मोदी है 
वो मुस्कुरा कर बोला...मुमकिन है 

टिप्पणियाँ

बहुत सुन्दर।
घर मे ही रहिए, स्वस्थ रहें।
कोरोना से बचें।
भारतीय नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 26.3.2020 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3652 में दिया जाएगा। आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी

धन्यवाद

दिलबागसिंह विर्क
मन की वीणा ने कहा…
अपने सहज भावों की बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।
आत्ममुग्धा जी बहुत खूब।

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