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सपना

तुम्हे पता है
'नीरज' कहते है
कुछ सपनों के मर जाने से
जीवन नहीं मरा करते है
सच पुछो तो
सपने भी कहा मरते है
ये अलग बात है कि पूरे नहीं होते 
लेकिन उन्हे देखना
हर बार सुखद होता है
इन सपनों में एक पुरा जीवन होता है
सिर्फ तुम्हारा जीवन
तुम्हारा सपना
जिसका कोई साक्षी नहीं
कोई भागीदार नहीं
नितांत अकेला
एकछत्र 
एकांत में मुसकाता सा
जो पुरा ना होकर भी 
टिमटिमाता है तुम्हारी आँखों में 
आजीवन सहेजा जाता है
अंतस के अंतिम छोर में 

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कुछ अनसुलझा सा

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