हर रोज सुबह की सैर मुझे पूरे दिन के लिये शारीरिक मानसिक रूप से तरोताजा करती है। सैर के बाद हम एक भैयाजी के पास गाजर, बीट, हल्दी, आंवला ,अदरक और पोदीने का जूस पीते है, जिसकी मिक्सिंग हमारे अनुसार होती है। हम उनके सबसे पहले वाले ग्राहक होते है , कभी कभी हम इतना जल्दी पहूंच जाते है कि उन्होने सिर्फ अपना सब सामान सैट किया होता है लेकिन जूस तैयार करने में उन्हे पंद्रह मिनिट लग जाते है, जल्दबाजी में नही होती हूँ तो मैं जूस पीकर ही आती हूँ, वैसे आना भी चाहू तो वो आने नहीं देते , दो मिनिट में हो जायेगा कहकर, बहला फुसला कर पिलाकर ही भेजते है। उनकी अफरा तफरी और खुशी दोनो देखने लायक होती है। आज सुबह भी कुछ ऐसा ही था, हम जल्दी पहूंच गये और उन्होने जस्ट सब सैट ही किया था , मैं भी जल्दबाजी में थी क्योकि घर आकर शगुन का नाश्ता टीफिन दोनों बनाना था। हमने कहां कि आज तो लेट हो जायेगा आपको, हम कल आते है लेकिन भैयाजी कहाँ मानने वाले थे । उन्होने कहा कि नयी मशीन लाये है , आपको आज तो पीकर ही जाना होगा, अभी बनाकर देते है। मुझे सच में देर हो रही थी लेकिन फिर भी उनके आग्रह को मना न कर स...
टिप्पणियाँ
जय मां हाटेशवरी.......
आप सभी को पावन दिवाली की शुभकामनाएं.....
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
03/11/2019 रविवार को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में. .....
सादर आमंत्रित है......
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
http s://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
कुछ भी समझो मगर इस बरगद के साथ आपने इसकी जड़ें मेरी नम जमीं तक पहुंचा दी है।
बहुत खूब
बहुत सुन्दर।