सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

समय

समय बिताना
समय जाया करना
समय में शामिल करना
तीनों अलग अलग बातें है
अगर किसी के साथ
ऊपरी तौर पर
समय व्यतीत किया है 
तो वो शायद निरर्थक रहा
लेकिन किसी को...
किसी को भी
अगर कुछ वक्त लिये भी 
आपने अपने समय में शामिल किया है 
तो वो समय जाया नहीं होता
बल्कि कमाया होता है 
जो लौट लौट आता है 
लेकिन सिर्फ जेहन में, असल में नहीं
वैसे जरुरी नहीं कि 
दोनो पक्ष ऐसा ही सोचे
हो सकता है कि
किसी एक ने कमाया हो
किसी एक ने गंवाया हो 
किसी के लिये अफसोस होता है 
वो बीता वक्त
तो किसी के जीवन का सत्व 
इसीलिए कहती हूँ
समय को लेकर सचेत रहे
बीता समय 
वापस लौटाया नहीं जा सकता 
ये वो इंवेस्टमेंट है
जिसे आप अपनी मर्जी से खर्च करते है
कब, कहाँ, किस पर 
सब आपकी इजाजत से होता है
जिस पर समय के जाया करने का आरोप होता है 
हो सकता है किसी पल
उसने आपको अपने समय में शामिल किया हो 

टिप्पणियाँ

काल विकल हर पल कर जाता ,
पता नहीं किसके हित आता?

सुन्दर रचना।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

उम्मीद

लाख उजड़ा हो चमन एक कली को तुम्हारा इंतजार होगा खो जायेगी जब सब राहे उम्मीद की किरण से सजा एक रास्ता तुम्हे तकेगा तुम्हे पता भी न होगा  अंधेरों के बीच  कब कैसे  एक नया चिराग रोशन होगा सूख जाये चाहे कितना मन का उपवन एक कोना हमेशा बसंत होगा 

मन का पौधा

मन एक छोटे से पौधें की तरह होता है वो उंमुक्तता से झुमता है बशर्ते कि उसे संयमित अनुपात में वो सब मिले जो जरुरी है  उसके विकास के लिये जड़े फैलाने से कही ज्यादा जरुरी है उसका हर पल खिलना, मुस्कुराना मेरे घर में ऐसा ही एक पौधा है जो बिल्कुल मन जैसा है मुट्ठी भर मिट्टी में भी खुद को सशक्त रखता है उसकी जड़े फैली नहीं है नाजुक होते हुए भी मजबूत है उसके आस पास खुशियों के दो चार अंकुरण और भी है ये मन का पौधा है इसके फैलाव  इसकी जड़ों से इसे मत आंको क्योकि मैंने देखा है बरगदों को धराशायी होते हुए  जड़ों से उखड़ते हुए 

साड़ी

आज इंटरनेशनल साड़ी डे है । एक वक्त था जब मैं हर रोज साड़ी पहनती थी, साड़ी पहनना आदतन था। अब भले ये आदत थोड़ी पीछे छूट गयी है पर साड़ी से मोह हर रोज बढ़ता जा रहा। साड़ी की मेरी समझ अब पहले से कही अधिक है।             जैसा कि सब कहते है कि साड़ी महज एक कपड़ा नहीं है वो इमोशन है , मैं इस बात से पूरा सरोकार रखती हूँ । साड़ी सच में आपके भाव है, आपकी अभिव्यक्ति है , आपके व्यक्तित्व का आइना है।    हम सबकी अपनी अपनी पसंद होती है और कुछ चुनिंदा रंगों की साड़िया स्वत: ही हमारी आलमारी में जगह बना लेती है।कुछ साड़ियों दिल के बेहद करीब होती है , कुछ में कहानियां बुनी होती है, कुछ के किस्से गहरे होते है, कुछ हथियायी हुई रहती है, कुछ उपहारों की पन्नी में लिपटी होती है, कुछ कई महीनों की प्लानिंग के बाद आलमारी में उपस्थित होती है तो कुछ दो मिनिट में दिल जीत लेती है ....मेरी हर साड़ी कुछ इन्ही बातों को बयां करती है लेकिन एक काॅमन बात है हर साड़ी में, कोई भी साड़ी कटू याद नहीं देती और यही बात साड़ी को खास बनाती है। आप अपनी आलमारी खोलकर देखिये , साड़ियां मीठी बातों से ही बुनी होती है।     साड़ियां माँ