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अमरत्व

एक क्षणिक संपर्क
जो ठहर जाता है 
जीवन भर को
एक व्यक्तित्व
जो विलिन हो जाता है  
आपके व्यक्तित्व में 
एक क्षणभंगुर सा साथ
जो स्थापित हो जाता है 
एक गहरे कोने में
ये कोने सदैव 
झिलमिलाते है 
दुआओं से
प्रार्थनाओं से 
शुभकामनाओं से
स्नेह से
कितना अपवाद है ना
क्षणभंगुरता के साथ 
जैसे अमरत्व का आभास 

टिप्पणियाँ

  1. दो पाटों में जीना होता है। सदा जीने की इच्छा और अगले क्षण का पता नहीं। सुन्दर कविता।

    जवाब देंहटाएं
  2. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 15 सितंबर 2021 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
    !

    जवाब देंहटाएं

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