लला की प्राण प्रतिष्ठा हुई चहूं ओर जय जयकार हुई कण कण में राम बोले हर मन में राम बोले तेरे राम, मेरे राम हम सबके राम हम सबसे, कुछ यूं बोले राम को मन में बसाना होगा राम को अपनाना होगा जय श्री राम से कुछ न होगा अपने मन की चौखट पर राम को स्थापित करना होगा चलकर मैं आया हूँ कई सौगातें साथ लाया हूँ राम को भजना राम को रमना प्राण प्रतिष्ठा मेरी तुम अपने मन में भी करना वरना सिर्फ नारों में मैं रह जाऊंगा मात्र मेरे आने से रामराज न आयेगा हर मन जब राम बसेगा तब ही तो राज राम का आयेगा जब प्राणों में मुझे रखोगे कण कण में हर सांस में मुझे पाओगे 🙏 #आत्ममुग्धा
मेरे मन का एक कोना
अपने मन के उतार चढ़ाव का हर लेखा मैं यहां लिखती हूँ। जो अनुभव करती हूँ वो शब्दों में पिरो देती हूँ । किसी खास मकसद से नहीं लिखती ....जब भीतर कुछ झकझोरता है तो शब्द बाहर आते है....इसीलिए इसे मन का एक कोना कहती हूँ क्योकि ये महज शब्द नहीं खालिस भाव है