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धागों की गुड़िया

एक दिन एक आर्ट पेज मेरे आगे आया और मुझे बहुत पसंद आया । मैंने डीएम में शुभकामनाएं प्रेषित की और उसके बाद थोड़ा बहुत कला का आदान प्रदान होता रहा। वो मुझसे कुछ सजेशन लेती रही और जितना मुझे आता था, मैं बताती रही। यूँ ही एक दिन बातों बातों में उसने पूछा कि आपके बच्चे कितने बड़े है और जब मैंने उसे बच्चों की उम्र बतायी
तो वो बोली....अरे, दोनों ही मुझसे बड़े है ।
तब मैंने हँसते हुए कहा कि तब तो तुम मुझे आंटी बोल सकती हो और उसने कहा कि नहीं दीदी बुलाना ज्यादा अच्छा है और तब से वो प्यारी सी बच्ची मुझे दीदी बुलाने लगी।
अब आती है बात दो महीने पहले की....जब मैंने क्रोशिए की डॉल में शगुन का मिनिएचर बनाने की कोशिश की थी और काफी हद तक सफल भी हुई थी। उस डॉल के बाद मेरे पास ढेरों क्वेरीज् आयी। उन सब क्वेरीज् में से एक क्वेरी ऐसी थी कि मैं उसका ऑर्डर लेने से मना नहीं कर सकी । यह निशिका की क्वेरी थी, उसने कहा कि मुझे आप ऐसी डॉल बनाकर दीजिए । मैंने उससे कहा कि ये मैंने पहली बार बनाया है और पता नहीं कि मैं तुम्हारा बना भी पाऊँगी कि नहीं लेकिन निशिका पूरे कॉंफिडेंस से बोली कि नहीं, मुझे भरोसा है कि आप बना देगी....बस, थ्रेड थोड़ा डार्क स्किन टाइप लेना,मेरा स्किन टोन डस्की है और मुझे ब्लश जरुर लगाना.....मैं मुस्कुरा उठी और इस मासूमियत पर कौन न मुस्कुराये भला। मैं बोली कि मैं व्यस्त भी हूँ , एक पॉट्रेट का ऑर्डर पहले से चल रहा है और मैं कोई भी काम समय लेकर करती हूँ । निशिका ने कहा कि जब भी समय मिले आप बनाईये। मैंने कहा कि चलो ठीक है, अपनी पसंद की फोटो भेजो और उसने मुझे दो-तीन फोटो भेजी जिन पर मैंने काम शुरु किया।

    लगभग महीने भर बाद काम शुरु किया और उधेड़ते बुनते मैंने इसे पूरा किया । मुझे बनाते वक्त बहुत मजा आया हालांकि एक बार में कुछ भी सही नहीं बना। अब डॉल निशिका के पास पहूंच चुका है और वो इसे देखकर बहुत खुश हुई । एक कलाकार को भला और क्या चाहिये ?
     थैंक्यू निशिका.... बच्चे , मुझ पर इतना भरोसा दिखाने के लिये ।
    ध्यान देने वाली बात: बच्ची पुलिस वाली है और गजब के बुकमार्क बनाती है 😎

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