आँखें मेरी खुशी से है नम
निर्भया के गम
कुछ तो हुए होंगे कम
माना कि तेरी आत्मा
सिसकती है अब भी
तेरी माँ की आँखों से
आंसू बन के
बहती है तु अब भी
लेकिन
माँ की आँखों में
आज तु खुशी बन के
उमड़ी है
तेरे गुनहगारों को मिली है फांसी
अब आगे
नहीं बनेगी कोई निर्भया अभागी........
.............देश की न्यायव्यवस्था और मीडिया दोनो को धन्यवाद,यह संदेश है गुनहगारों के लिये ।
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संवेदना को जगाती रचना.