कुछ खास नहीं
आज लिखने को
तो सोचा
चलो समय के कागज पर
कलम को अपनेआप ही चलने दूं
अपनी ही लेखनी को एक नया आयाम दूँ
दिल और दिमाग पर छाये शब्दों को
अस्त-व्यस्त ही सही
लेकिन बहने दूं
शायद कविता ना बन पाए
शायद अक्षर मोती से ना सज पाए
लेकिन
चलने दूं
लेखनी को
अपनी ही रफ़्तार में
लिखने दूं
कुछ शब्द अपनी ही जिंदगी की किताब के
लेकिन ये क्या ?
कुछ कडवे पर सच्चे शब्द
उड़ गए वक़्त की आंधी में , किसी पाबंदी में
निकले थे जो दिमाग के रस्ते से
और कुछ भावुक शब्द
पिघल गए अपनी ही गरमी से
धुल गए आंसुओं से
जो निकले थे सीधे दिल से
और................................
मेरी लेखनी को आयाम नहीं
सिर्फ विराम मिला
और मेरा कागज जो कोरा था
कोरा ही रह गया
बड़ा मुश्किल है भावों को शब्द दे पाना .... अक्सर ऐसा भी होता है...
जवाब देंहटाएंaabhar yaha aane ke liye :)
हटाएंdhanyawaad yashodaji :)
जवाब देंहटाएंप्रभावशाली लेखनी कई बार रुक जाती है ...
जवाब देंहटाएंbilkul sach h satishji.....bahut bahut shukriya
हटाएंमेरी लेखनी को आयाम नहीं
जवाब देंहटाएंसिर्फ विराम मिला
और मेरा कागज जो कोरा था
कोरा ही रह गया
bahut sundar abhivyakti ...!!
shubhkamanaye
aapki shubhkamanaye sar-aankho par anupamaji....aage bhi mere panno par aapki upasthiti chahungi ....dhanyawaad
हटाएंआपका ब्लॉग पसंद आया....इस उम्मीद में की आगे भी ऐसे ही रचनाये पड़ने को मिलेंगी......आपको फॉलो कर रहा हूँ |
जवाब देंहटाएंmere blog ko pasand karne ke liye dhanyawaad....:)
हटाएंकभी फुर्सत मिले तो नाचीज़ की दहलीज़ पर भी आयें-
जवाब देंहटाएंjarur sanjayji
हटाएंवाह ... बहुत बढिया ।
जवाब देंहटाएंsadaji....aapne yaha aakar mere blog ka maan badhaya...dhanywaad
हटाएंsach kabhi kabhi chahkar bhi likha nahin jata
जवाब देंहटाएंbahut bahut aabhar....rachana ko padhne ke liye onkarji...
हटाएंbahut sundar rachna.......
जवाब देंहटाएंdhanywaad upaasanaji
हटाएंहमारी टिप्पणी कहाँ गयी..........
जवाब देंहटाएंचलिए फिर कहती हूँ....
सुन्दर भाव ..सुन्दर रचना...
अनु
aabhar....dubara tippni karne ke liye hirduy se dhanywaad
हटाएंJeevan ki kitab se agar kaduve shabd nikal saken ... Bhavnayen bah saken ... Aseem shanti ka korapan mil jaye to nirvana ki sthiti aate der nahi .... Gahre bhav liye hai aapki rachna ...
जवाब देंहटाएंdhanywaad naasawajee
हटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति संगीता जी लेखन एक अनवरत शोध है अन्वेषण है लिखना एक अन्वेषी की तरह है प्रोब है .कृपया दिमाक की जगह दिमाग कर लें.सादर नमन .
जवाब देंहटाएंyahan aane ke liye aabhaar......galati par dhyaan dilaane ke liye dhanywaad
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