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माँ

माँ शब्द आते ही जेहन में सबसे पहला इमोशन आता है सिर्फ प्यार ही प्यार, दुनिया जहान का प्यार 

 1.एक ऐसी अदालत जहां आपकी हर बात की, हर गलती की माफी होती है।
 2.एक ऐसा स्कुल जहां जीवन भर आपको सीख मिलती है और सबसे अच्छे प्यारे विद्यार्थी का मेडल भी।
3. एक ऐसा मंदिर जहां आपको इष्ट के समकक्ष बैठा दिया जाता है।
4. एक ऐसी आरामगाह जहां खुली बाहों से आपका स्वागत होता है।
 5.एक ऐसी छत जिसकी छावं तले आप महफ़ूज रहते है।
6.एक ऐसा अधिकार जो कभी मांगना नहीं पड़ता।
7. एक ऐसा कल्पवृक्ष जिससे कभी कुछ कहना नहीं होता , बिन बोले आपकी मुरादें पूरी होती है।
8.एक ऐसा इंश्योरेंस जो आपकी लंबी आयू के लिये अनवरत प्रार्थनाएं दर्ज करता रहता है।
9.एक नजरबट्टू जो आपको हर बुरी नजर से दूर रखता है।
10.एक ऐसी गीता जो हर पथ पर आपका मार्गदर्शन करती है ।
11.एक कूंजी, जिसके पास आपकी हर समस्या का समाधान होता है।
12.एक भरोसा जो आपके सिर पर हाथ फिराता है कि चिंता मत कर , मैं हूँ तुम्हारे लिये , तो यकिन मानिये कि ईश्वर स्वयं आपके समक्ष खड़ा होता है ।
13.एक आशीर्वाद जो मृत्यु के उपरांत भी सदैव आपके साथ रहता है।
14. माँ, जो साथ थी, तब भी सिखाती थी और अब जब नहीं है तब पहले से अधिक सिखाती है ।

टिप्पणियाँ

yashoda Agrawal ने कहा…
आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 11 एप्रिल 2023 को साझा की गयी है
पाँच लिंकों का आनन्द पर
आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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उम्मीद

लाख उजड़ा हो चमन एक कली को तुम्हारा इंतजार होगा खो जायेगी जब सब राहे उम्मीद की किरण से सजा एक रास्ता तुम्हे तकेगा तुम्हे पता भी न होगा  अंधेरों के बीच  कब कैसे  एक नया चिराग रोशन होगा सूख जाये चाहे कितना मन का उपवन एक कोना हमेशा बसंत होगा 

मन का पौधा

मन एक छोटे से पौधें की तरह होता है वो उंमुक्तता से झुमता है बशर्ते कि उसे संयमित अनुपात में वो सब मिले जो जरुरी है  उसके विकास के लिये जड़े फैलाने से कही ज्यादा जरुरी है उसका हर पल खिलना, मुस्कुराना मेरे घर में ऐसा ही एक पौधा है जो बिल्कुल मन जैसा है मुट्ठी भर मिट्टी में भी खुद को सशक्त रखता है उसकी जड़े फैली नहीं है नाजुक होते हुए भी मजबूत है उसके आस पास खुशियों के दो चार अंकुरण और भी है ये मन का पौधा है इसके फैलाव  इसकी जड़ों से इसे मत आंको क्योकि मैंने देखा है बरगदों को धराशायी होते हुए  जड़ों से उखड़ते हुए 

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