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कला और कलाकार

आज एक बेहतरीन कलाकार व्यक्तित्व से मुलाकात हुई। एक निहायत सरल व्यक्तित्व,जो न सिर्फ चित्रकला पेंटिंग में माहिर है बल्कि उनकी लेखनी भी अनवरत चलती रहती है,गाँधीवादी विचारधारा से सरोकार रखने वाली ये शख्सियत पुरातत्व विद्वान है,दुनिया की बहुत सी गुफाओं के भीतर बने भित्तिचित्रों का न सिर्फ अध्ययन किया है बल्कि इस पाषाण कला को बचाने के लिये जी जान से प्रयासरत है। 
      आज मैं मिली पदमश्री डॉ. यशोधर मठपाल से , उनके लोक संस्कृति संग्रहालय में । मठपालजी की उम्र  85 वर्ष  है, लेकिन एनर्जी इतनी कि वो संग्रहालय दिखाने हमारे साथ चल लिये अपनी छड़ी लेकर । हर चीज के बारे में वो बड़े उत्साह से बता रहे थे और बहुत ही अपनेपन से अपनी सहेजी हुई धरोहर दिखा रहे थे। फाइन आर्ट गैलेरी में मैं उनकी बनायी बड़ी बड़ी पेंटिंग देखकर अचंभित हो गयी तो उन्होने हँसते हुए कहा कि "मैं लगभग 40000 पेंटिंगस् बना चुका हूँ....अभी कल ही एक वॉटर कलर पेंटिंग बनाया हूँ , पेंटिंग मेरे लिये अल्कोहल का काम करती है, एक तरह का नशा है " । 
मैं उनकी इस बात से पूरी तरह सहमत थी क्योकि यह नशा मुझे भी है ।
        गैलेरी के अगले हिस्से में रॉक कला के चित्र आये और जब उन्होंने इस संदर्भ में बताना शुरु किया तो जैसे उनकी आँखों में चमक आ गयी और आवाज में खनक । पत्थरों पर उकेरे गये हजारों हजार साल पूराने चित्रों की बातें करते हुए मानो वो उस युग में ही चले गये और यही एक सच्चे कलाकार की पहचान होती है। अपना एक अनुभव उन्होने मेरे साथ बांटा कि कैसे वो एक गुफा के चित्रों का अध्ययन कर रहे थे तो उन्होने सब लाइटस् बंद करवा दी और घंटों गुफा में अकेले बैठे रहे कि इन चित्रों को बनाने वाले कलाकार ने कैसा महसूस किया होगा और मुझे लगा जैसे ये पाषाण चित्रकला मैंने ही की है।  
    एक और दिलचस्प बात उन्होंने शेयर की...उन्होने बताया कि हजारों साल पहले ( लगभग 40000 ) उस युग के इंसान ने एक देवी की प्रतिमा बनायी जबकि मिट्टी के बर्तनों का इतिहास 10000 साल पुराना है जबकि बर्तन बनाना मूर्ति बनाने से कही ज्यादा आसान है ।  उन्होने दुनिया की सबसे पहली बफेलो पेंटिंग के बारे में हमे बताया । 
          अपना पूरा जीवन और पूरे जीवन की कमायी उन्होने इस संग्रहालय को समर्पित की है ....ऐसे लोग बिरले ही होते है। 
अगर आप भीमताल , नैनीताल जाये तो इस संग्रहालय को जरुर देखे । 
     मैंने  यहां से दो किताबें खरीदी जो इनकी अपनी जीवनी है । 

टिप्पणियाँ

Nitish Tiwary ने कहा…
बहुत सुंदर पोस्ट।
Kamini Sinha ने कहा…
सादर नमस्कार ,

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (12-3-23} को "शब्द बहुत अनमोल" (चर्चा-अंक 4646) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
Onkar ने कहा…
बहुत सुन्दर
आत्ममुग्धा ने कहा…
इस स्नेह के लिये दिल से आभार
Jyoti Dehliwal ने कहा…
बहुत सुंदर।
Prakriti Darshan, Magazine ने कहा…
शानदार रचना है...खूब बधाई । कृपया प्रकृति दर्शन के इस ब्लॉग को फालो कीजिएगा।

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