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झरना

वो झरना है
खुशियों का
दिल के हर कोने से
फूटते जल प्रतापों का 
संग्रह है वो
हर किसी के लिये
कलेजा निकाल कर 
रख देना
उसकी फितरत है
छल कपट जिससे कोसो दूर है
खरे सोने सा जिसका दिल है
वो एक ऐसा शख्स है
जो सिर्फ देना जानता है
हाँ......
उसकी हँसी थोड़ी चौड़ी हो जाती है
बशर्ते आप उसकी झोली में
थोडा़ सा प्यार उंडेल दे
उस थोड़े से प्यार का बोनस
आप जिंदगी भर पाते रहेंगे
वो विशुद्ध भावों का पुलिंदा है
वो ईश्वर की नायाब कृति है
क्योकि ऐसा इंसान 
अब लुप्त प्रायः है
मै मिली हूँ ऐसे ही एक इंसान से
गर मिलो कभी तुम भी
तो ख्याल रखना
भावों पर कभी संदेह न करना
कलेजे को नजरअंदाज न करना
थाम लेना उसकी हँसी
आँखों के पानी को पहचान लेना
गर मिलो
तो बस....इतना ख्याल रखना
मैं मिली हूँ ऐसे ही इंसान से

टिप्पणियाँ

Ankit choudhary ने कहा…
अतीत सुंदर 🙏
Kamini Sinha ने कहा…
सादर नमस्कार ,

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार
(16-11-21) को " बिरसा मुंडा" (चर्चा - 4250) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .
--
कामिनी सिन्हा

Manisha Goswami ने कहा…
वाह !बहुत ही सुंदर भाव और बहुत ही सुंदर व प्यारी रचना
anita _sudhir ने कहा…
अति उत्तम भावपूर्ण सृजन

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