tag:blogger.com,1999:blog-495674901974504439.post5264628970035720630..comments2024-01-25T19:09:28.162+05:30Comments on मेरे मन का एक कोना: बेलआत्ममुग्धा http://www.blogger.com/profile/09368805902557364435noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-495674901974504439.post-71485653115737020392014-01-09T10:35:44.201+05:302014-01-09T10:35:44.201+05:30अगर हम अपने बच्चों को सहारा देंगे तो उन्हें भी उँच...अगर हम अपने बच्चों को सहारा देंगे तो उन्हें भी उँचाईयों की हदों तक सफल बनाया जा सकता है। एक अच्छा सहारा पाकर जिस तरह बेल बलखाती ईठलाती बढ़ती है उसी तरह एक अच्छी परवरिश का सहारा पाकर हमारे बच्चें भी खिल उठेंगे।<br />बिल्कुल सही कहा.एक उम्र में बच्चों को अपनों के सहारे और भावनात्मक संबल की जरूरत होती है.<br />नई पोस्ट : <a href="http://dehatrkj.blogspot.in/2014/01/blog-post_9.html" rel="nofollow"> सांझी : मिथकीय परंपरा </a> राजीव कुमार झा https://www.blogger.com/profile/13424070936743610342noreply@blogger.com